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UP Police Paper Leak 2024 Update: पेपर लीक की स्थिति में एजेंसी होगी जिम्मेदार, भरेगी पूरा खर्च

यूपी पुलिसकांस्टेबल पुनः परीक्षा नोटिस (UP Police Paper Leak 2024 Update)

UP Police Paper Leak 2024 Update: पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, अब पेपर लीक कराने वाले और साल्वर गिरोह पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए मंगलवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 पारित किया गया। इस कानून के तहत पेपर लीक की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, प्रभावी जांच का निर्णय भी लिया गया है। अब पेपर लीक मामलों की विवेचना पुलिस उपाधीक्षक करेंगे।

एजेंसी पर होगी जिम्मेदारी

यदि पेपर लीक में किसी एजेंसी की भूमिका पाई जाती है, तो उससे पूरी परीक्षा का खर्च वसूला जाएगा। संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह कानून पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षाओं को संपन्न कराने में सहायक होगा।

शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान

नए कानून के अनुसार, जो परीक्षार्थी शैक्षणिक, तकनीकी, व्यवसायिक या अन्य योग्यता प्राप्त करने के लिए किसी सार्वजनिक परीक्षा में शामिल होते हैं, उन्हें दंड से मुक्त रखा जाएगा। इससे उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा।

अवैध मतांतरण पर सख्त कार्रवाई (UP POLICE)

लव जिहाद के मामलों में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ ही अवैध मतांतरण पर भी सख्त नकेल कसी जाएगी। विदेशी फंडिंग और विभिन्न संस्थाओं की मदद से बड़े पैमाने पर किए जा रहे इस अपराध पर अब कठोर कार्रवाई होगी। मंगलवार को विधानसभा में उग्र विधि विरुद्ध चर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पारित किया गया।

सजा की वृद्धि

नए कानून में सजा की वृद्धि के साथ ही अवैध मतांतरण के लिए विदेशी फंडिंग के मामलों में भी सजा का प्रावधान किया गया है। एक बार दोषसिद्ध हो चुके आरोपी के दोबारा दोषी पाए जाने पर उसके विरुद्ध दोगुणी सजा का प्रावधान है।

स्वेच्छा से मतांतरण

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में बताया कि स्वेच्छा से मतांतरण करने वालों पर सरकार कोई आपत्ति नहीं लगाएगी। यह सामाजिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दा है, इसलिए स्वेच्छा से किए गए मतांतरण को दंडनीय अपराध नहीं माना जाएगा।

फर्जी मुकदमों पर रोक

नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने नए कानून के तहत फर्जी मुकदमों की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि यदि किसी के विरुद्ध मुकदमा चले और वह बाद में निर्दोष साबित हो तो ऐसे मामलों में चालान करने वाले के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर एक वर्ष की सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए।

अवैध साधनों का प्रयोग

अगर किसी परीक्षार्थी को अवैध साधनों का प्रयोग करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसकी उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और उसे एक वर्ष के लिए अगली परीक्षा में भाग लेने से रोका जाएगा।

एजेंसी की मिलीभगत

यदि परीक्षा कराने वाली एजेंसी की मिलीभगत पाई जाती है, तो उसे सजा के साथ-साथ परीक्षा आयोजित करवाने का पूरा खर्च भी वहन करना होगा। इससे परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी और भविष्य में पेपर लीक की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

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